Blogसाहित्यिक रिपोर्ट /संगोष्ठी जलेस ने जींद में मुंशी प्रेमचंद, शहीद उधम सिंह और मोहम्मद रफी को श्रद्धांजलि दी जलेस ने जींद में मुंशी प्रेमचंद, शहीद उधम सिंह और मोहम्मद रफी को श्रद्धांजलि दी 31जुलाई को स्थानीय मजदूर भवन,धागा… Pratibimb Media2 August 20252 August 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत बानू मुश्ताक़ की कहानी- ‘अंगार का मेंह’ बुकर पुरस्कार से सम्मानित कहानीकार बानो मुश्ताक़ की कहानी ‘फ़ायर रेन’ (हिंदी में ‘अंगार का मेंह’) पैतृक संपत्ति में बहनों… Pratibimb Media31 July 202531 July 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत ओमप्रकाश तिवारी की कविता- जाति जाति ओमप्रकाश तिवारी बात नब्बे के दशक के शुरूआत की है। कोई कल्पना नहीं इसी देश समाज की है। एक… Pratibimb Media31 July 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत ओमप्रकाश तिवारी की कविता- दरअसल दरअसल ओमप्रकाश तिवारी उत्सव मनाने की कोई वाजिब वजह नहीं होती है न ही कोई मापदंड है न ही… Pratibimb Media31 July 2025
Blogसमय /समाजसाहित्य/पुस्तक समीक्षा फटे जूते वाले प्रेमचंद ! जन्मदिन पर विशेष फटे जूते वाले प्रेमचंद ! मंजुल भारद्वाज प्रेमचंद जब अपनी लेखनी से गुलाम जनता में आज़ादी का… Pratibimb Media31 July 202531 July 2025
Blogगीत ग़ज़ल रमेश जोशी की ग़ज़ल रमेश जोशी की ग़ज़ल नियम कायदे भूल भतीजे झूठे सभी उसूल भतीजे जो वे कह दें वही सत्य है… Pratibimb Media30 July 202531 July 2025
Blogसाहित्य/पुस्तक समीक्षा राजनीति के आगे साहित्य की मशाल जलाने वाले उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद 31 जुलाई की तिथि को हिंदुस्तान के इतिहास में बहुत आदर प्राप्त है। इस दिन देश के दो सपूतों के… Pratibimb Media30 July 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांतसाहित्य/पुस्तक समीक्षा ओमप्रकाश तिवारी की कविता -तानाशाही तानाशाही ओमप्रकाश तिवारी वो आएगी सजधज कर मुस्कुराते हुए रक्ताभ होंगे उसके होंठ जनमत के दरवाजे से प्रवेश करते समय… Pratibimb Media30 July 202530 July 2025
Blogअंतरराष्ट्रीयकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत नासिरा शर्मा की कविता- चलो चलते हैं गाजा… गाजा में जो कुछ हो रहा है वह बहुत ही दर्दनाक है। समाचारों में रोजाना मरने वालों की संख्या पढ़ते-पढ़ते… Pratibimb Media29 July 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत ओमप्रकाश तिवारी की कविता- जिन्दगी का खेल ज़िन्दगी का खेल ओमप्रकाश तिवारी ज़िंदगी एक खेल है हर कोई खेल रहा है सबका खेल अलग है कोई… Pratibimb Media29 July 2025