Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत

बाजार, साम्यवाद, खुश लोग और हनोई 

यात्रा संस्मरण बाजार, साम्यवाद, खुश लोग और हनोई संजय श्रीवास्तव हनोई सुबह जल्दी जागता है. 8 बजे तक दुकानें खुलने…

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मंजुल भारद्वाज की कविता- कभी सहेली कभी पहेली

कविता कभी सहेली कभी पहेली -मंजुल भारद्वाज ज़िंदगी तुम मुझे हर रोज़ अजनबी की तरह मिलती हो कभी सुलझी कभी…

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एस.पी. सिंह की कविता- खुशियों की खिड़कियां, दर्द के दरवाज़े

कविता खुशियों की खिड़कियां, दर्द के दरवाज़े एस.पी. सिंह वो आदमी — जिसने अपने हिस्से की धूप को छाँव समझ…

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मुनेश त्यागी की कविता- आज के असली रावण

कविता- आज के असली रावण मुनेश त्यागी   दंगे झूठ छल हिंसा। कपट दहेज हत्याएं महंगाई। मक्कारी भ्रष्टाचार प्रांतीयता जातिवाद।…

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आज जल,जंगल,ज़मीन बचाना ही सबसे बड़ी देश,मानवता और पृथ्वी सेवा है !

आज जल,जंगल,ज़मीन बचाना ही सबसे बड़ी देश,मानवता और पृथ्वी सेवा है – मंजुल भारद्वाज मनुष्य विशेष कर मध्यमवर्ग संतुलन बनाने…

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मंजुल भारद्वाज की कविता -अंतहीन गंतव्य

कविता अंतहीन गंतव्य मंजुल भारद्वाज पहले से खींची हुई लकीर को मिटाकर नहीं उससे बड़ी लकीर खींचकर इतिहास रचो !…

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विमल वर्मा: प्रगतिशील साहित्य के साधक जिनकी प्रतिभा से न्याय नहीं हुआ

विमल वर्मा: प्रगतिशील साहित्य के साधक जिनकी प्रतिभा से न्याय नहीं हुआ अरुण कुमार आखिरकार प्रख्यात जनवादी आलोचक, गंभीर संपादक…