- ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने कहा- ओपीएस में उसे मिलते 32742 रुपये, UPS में 29194 रुपये पेंशन
कुछ दिन पहले बीएसएफ से वीआरएस लेने वाले सिपाही संदीप कुमार (सामान्य ड्यूटी) को बीस वर्ष, तीन माह और 26 दिन की सेवा के बाद एनपीएस में 11500 रुपये मासिक पेंशन मिली है। अगर वे ओपीएस में होते तो उन्हें 32742 रुपये प्रति माह मिलते। यूपीएस में बतौर पेंशन, 29194 रुपये हर माह उनके खाते में आते।
केंद्र सरकार लगातार जिद पर अड़ी हुई है कि वह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) पुनः लागू नहीं करेगी, जबकि तमाम कर्मचारी संगठन केंद्र और राज्य सरकारों से उसे पुनः लागू करने की मांग पर डटे हुए हैं और आंदोलन भी कर रहे हैं। ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने एक रहस्योद्घाटन किया है कि किस तरह एनपीसएस से सरकारी कर्मचारियों को नुकसान पहुंच रहा है।
पटेल ने बताया कि कुछ दिन पहले बीएसएफ से वीआरएस लेने वाले सिपाही संदीप कुमार (सामान्य ड्यूटी) को बीस वर्ष, तीन माह और 26 दिन की सेवा के बाद एनपीएस में 11500 रुपये मासिक पेंशन मिली है। अगर वे ओपीएस में होते तो उन्हें 32742 रुपये प्रति माह मिलते। यूपीएस में बतौर पेंशन, 29194 रुपये हर माह उनके खाते में आते।
ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि यूपीएस को लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। उनके संगठन की इस बाबत केंद्र सरकार से वार्ता जारी है। वित्त मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही वित्त मंत्री, कर्मचारी संगठनों से बातचीत करेंगी।
पटेल ने उम्मीद जताई कि यूपीएस का नोटिफिकेशन जारी होने से पहले सरकार, कर्मचारियों की दो मांगों पर सहानुभूति से विचार कर सकती है। पहली मांग है, जब एनपीएस में पहले से ही यह व्यवस्था है कि आप चाहें तो रिटायरमेंट पर 100 प्रतिशत फंड को एन्युटी के लिए निवेश कर सकते हैं। यानी इस मामले में एनपीएस और यूपीएस एक जैसे हो गए। एनपीएस में पूरा निवेशित फंड आपके नॉमिनी को वापस मिल जाता है, लेकिन यूपीएस में वापस सरकार के पास चला जाएगा। उनका कहना है कि इस लिहाज से भी नई पेंशन व्यवस्था में दोष है। जब तक सरकार, कर्मचारी अंशदान को वापस नहीं करती, तब तक यूपीएस अस्वीकार है। दूसरी मांग, 50 प्रतिशत पेंशन का प्रावधान 20 साल की नौकरी पर ही किया जाए। वीआरएस के लिए भी 20 साल की नौकरी को ही 50 प्रतिशत पेंशन का आधार माना जाए। उसी दिन से कर्मचारी को पेंशन मिले, तभी न्याय संभव है।
ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने बताया कि 30 नवंबर को बीएसएफ के एक जवान ने वीआरएस ली है। उसकी बेसिक पे 42800 रुपये थी। रिटायरमेंट ग्रेचुएटी 654840 रुपये बनी है। लीव एन्केशमेंट 392904 रुपये था। रिटायरमेंट टीए 39200 रुपये मिला। एफए 10000 रुपये, सीजीईजीआईएस 11772 रुपये, जीजेएसपीकेके 23519 रुपये और एनपीएस फंड में कुल योगदान का 20 प्रतिशत 542000 रुपये बना है। मासिक पेंशन 11500 रुपये मिलेगी। कुल 1674235 रुपये मिले हैं।
उन्होंने गणित के एक फार्मूले से यह बताया है कि वह जवान अगर ओपीएस में वीआरएस लेता तो उसे 32742 रुपये प्रति माह मिलते। (सूत्रः 42800×0.5=21400×1.53 =32742 रुपये प्रति माह +10.84 लाख रुपये जीपीएफ फंड)। इसी तरह यूपीएस के तहत जवान को 29194 रुपये प्रति माह मिलते। (सूत्रः 42800×0.4=17120.0×1.53=29194.00₹ + ₹3.28 लाख लंपसम फंड)। इसके अलावा केंद्र सरकार के बाकी बेनिफिट्स जैसे लीव इन कैशमेंट, ग्रेच्युटी, बीमा, मेडिकल आदि एक समान रहेंगे।
पटेल के अनुसार गत 17 नवंबर को जंतर मंतर पर पेंशन जयघोष रैली में भी यही दो मांगें सरकार के समक्ष रखी गई थी। केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने भारत सरकार से अपील की थी कि एनपीएस कर्मचारियों के लिए ओपीएस में शामिल रहे दोनों प्रावधान लागू किए जाएं। पहली मांग है, सेवानिवृत्ति पर कर्मचारी अंशदान की ब्याज सहित वापसी और दूसरी 50 फीसदी पेंशन की गणना 25 वर्ष के स्थान पर 20 वर्ष की सेवा के बाद हो। पटेल ने बताया, ये दोनों मांगे बहुत जल्द पूरी होने वाली हैं। कर्मचारियों का आंदोलन किसी पार्टी का आंदोलन या किसी पार्टी के खिलाफ आंदोलन नहीं है। हमारी मांग और लड़ाई, दोनों भारत सरकार से है, किसी पार्टी से नहीं। कर्मचारी, भारत सरकार का हिस्सा हैं, न कि किसी पार्टी का। उक्त दोनों मागों को लेकर हस्ताक्षर अभियान शुरु किया गया है। देशभर में लाखों कर्मचारी, इस अभियान में हिस्सा ले रहे हैं।
केंद्र सरकार ने इस साल एनपीएस में सुधार कर एक नई पेंशन योजना ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ लागू करने की घोषणा की थी। हालांकि सरकार ने इसे अगले वर्ष पहली अप्रैल से लागू करने की बात कही है। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बुलाई गई कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक का बहिष्कार किया था। वजह, एआईडीईएफ की मांग थी कि पुरानी पेंशन बहाल की जाए। कर्मचारियों को एनपीएस में सुधार या कोई नई पेंशन योजना मंजूर नहीं है। दूसरे कर्मचारी संगठनों ने भी यूपीएस पर नाखुशी जताई। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के सदस्यों ने दो अक्तूबर को प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक वे गैर-अंशदायी ‘पुरानी पेंशन’ योजना हासिल नहीं कर लेते, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। इनके अलावा रेलवे के विभिन्न कर्मचारी संगठन भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम के विरोध में खड़े हो गए हैं।