कोर्ट का बड़ा फैसला, इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह हत्याकांड में 5 को उम्रकैद, 33 को सात-सात साल की सजा
बुलंदशहर। बुलंदशहर की चर्चित स्याना हिंसा में कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया है। स्याना हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। अदालत ने इस मामले में 38 आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। सात साल बाद आए इस फैसले में अदालत ने 38 में से पांच आरोपियों को उम्रकैद और और 33 को सात-सात साल की सजा सुनाई है। जिन पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है वो हत्या के आरोपी हैं जबकि 33 को बलवा आगजनी और जानलेवा हमले के आरोपों में सजा सुनाई गई है।
सात साल बाद आया फैसला
यह फैसला एडीजे 12 गोपाल की अदालत से सुनाया गया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद साक्ष्य और गवाहों की गवाही के आधार पर सात साल में अदालत ने पांच आरोपियों को हत्या के मामले में दोषी पाया। इसके साथ ही अन्य 33 को बलवे का दोषी मानते हुए सजा सुनाई। अदालत ने इन पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। इस बलवे में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह शहीद हो गए थे। अब अदालत ने कहा है कि दोषियों से जो जुर्माना वसूला जाएगा वह आर्थिक मदद के रूप में शहीद सुबोध सिंह की पत्नी को दिया जाए। इस फैसले से पहले ही प्रशासन ने कचहरी और स्याना में पुलिस बल तैनात कर दिया था।
गोली लगने से इंस्पेक्टर की हुई थी मौत
मामले की जांच में 44 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था। हालांकि फैसला आने से पहले ही पांच आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि एक आरोपी की घटना वाले दिन ही गोली लगने से मौत हो गई थी। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की सर्विस रिवॉल्वर हिंसा के बाद आज तक बरामद नहीं हुई है।
38 आरोपियों को मिली सजा
इस मामले में पुलिस ने भाजपा नेता व मौजूदा जिला पंचायत सदस्य योगेश राज समेत 44 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें से पांच की मौत हो चुकी है, एक बाल अपचारी रिहा हो चुका है। एडीजे-12 गोपाल जी ने दोषियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। अदालत ने पांच को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या का दोषी करार दिया था।
इंस्पेक्टर के परिजनों ने जताई खुशी
आरोपियों को सजा मिलने के बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजनों ने खुशी जाहिर की है। दरअसल, जंगलों में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद हिंदू संगठन के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान थाने को घेर कर आग लगा दी गई थी। हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक अन्य युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी।