भगवंत मान ने कहा, जेल में दिल्ली के मुख्यमंत्री का कार्यालय स्थापित करने के लिए अदालत से अनुमति मांगेंगे

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अगर दिल्ली के उनके समकक्ष अरविंद केजरीवाल को जेल भेजा जाता है, तो वे सरकार चलाने के वास्ते वहां उनका कार्यालय स्थापित करने के लिए अदालत से अनुमति मांगेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि आप में केजरीवाल की जगह कोई नहीं ले सकता।

एक एजेंसी को दिए इंटरव्यू में पंजाब के मुख्यमंत्री ने यह बातें कहीं। यह पूछे जाने पर कि यदि केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है तो वह अपनी सरकार कैसे चलाएंगे, इसपर मान ने कहा कि ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि सरकार जेल से नहीं चलाई जा सकती।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को अदालत ने 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की है।

मान ने कहा कि कानून कहता है कि वह दोषी पाए जाने तक जेल से काम कर सकते हैं। हम जेल में कार्यालय स्थापित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट से अनुमति मांगेंगे और सरकार काम करेगी।

उन्होंने कहा कि आप में केजरीवाल की जगह कोई नहीं ले सकता, क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार रोधी आंदोलन से पार्टी बनाई है और वह इसके वरिष्ठ संस्थापक सदस्य हैं।

आबकारी नीति मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल पहुंचे हाई कोर्ट, कोर्ट का तुरंत सुनवाई से इनकार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े एक धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गयी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया। लेकिन कोर्ट ने तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

निचली अदालत ने ‘विस्तृत और निरंतर पूछताछ के लिए’ शुक्रवार को केजरीवाल को 28 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था।

केजरीवाल ने अपनी याचिका में दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी और हिरासत अवैध थी तथा वह तुरंत हिरासत से रिहा किये जाने के हकदार हैं। केजरीवाल को ईडी ने बृहस्पतिवार रात को गिरफ्तार किया था।

केजरीवाल को दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण देने से हाई कोर्ट द्वारा इनकार किये जाने के कुछ घंटों बाद ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था।

केजरीवाल ने अपने खिलाफ जारी समन सहित सभी कार्यवाही को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार एवं धनशोधन से संबंधित है। इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था।

मामले में आप के शीर्ष नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं।

ईडी द्वारा दायर आरोप-पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है।


दिल्ली में ‘आप’ कार्यालय ‘सील’ किया गया, निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाएंगे मामला : आतिशी

आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी ने शनिवार को दावा किया कि दिल्ली में पार्टी का कार्यालय सभी ओर से ‘‘सील’’ कर दिया गया है और पार्टी निर्वाचन आयोग के समक्ष इस मामले की शिकायत करेगी।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने आप कार्यालय को सील करने के आरोप का खंडन किया है। अधिकारी ने कहा कि डीडीयू मार्ग पर लोगों की भीड़ रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, क्योंकि वहां दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू है।

आतिशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पार्टी कार्यालय को ‘‘सील’’ करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संविधान द्वारा प्रदत्त ‘‘समान अवसरों’’ के खिलाफ है।

दिल्ली की मंत्री ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव के दौरान एक राष्ट्रीय पार्टी के कार्यालय को कैसे बंद किया जा सकता है? यह भारतीय संविधान में दिए ‘समान अवसर’ के खिलाफ है। हम इसके खिलाफ शिकायत करने के लिए निर्वाचन आयोग से वक्त मांग रहे हैं।’’

‘आप’ के एक अन्य वरिष्ठ नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पार्टी कार्यालय के सभी प्रवेश द्वार बंद कर दिए हैं।

उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘हम निर्वाचन आयोग जाएंगे, केंद्र सरकार ने आदर्श आचार संहिता लागू रहते हुए भी आईटीओ पर ‘आप’ के मुख्य कार्यालय के सभी प्रवेश द्वार बंद कर दिए हैं।’’

आप नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि अपने घर जा रही आतिशी को पुलिस ने बाराखंभा रोड के पास रोक लिया।

भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि निर्वाचन आयोग को एक निष्पक्ष संस्था के रूप में काम करना चाहिए और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।

मध्य दिल्ली में आईटीओ के समीप डीडीयू मार्ग पर ‘आप’ कार्यालय को भी शुक्रवार को पार्टी नेताओं तथा स्वयंसेवकों के भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन के दौरान बंद कर दिया गया था। पंडित दीन दयाल मार्ग (डीडीयू) पर ही भाजपा और आप के मुख्यालय स्थित हैं।

भारद्वाज ने कहा कि उन्हें और आतिशी को पार्टी कार्यालय जाने से रोक दिया गया। उन्होंने पूछा कि चुनाव के दौरान किसी राष्ट्रीय पार्टी के कार्यालय को कैसे सील किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि जिस गाड़ी से आतिशी घर जा रही थीं, उसे पुलिस ने रोका।

आतिशी ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो भी पोस्ट किया, जिसमें वह दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी के साथ बहस करती देखी जा सकती हैं, जबकि कुछ आप नेता पुलिस द्वारा रोके जाने पर विरोध जताने के लिए सड़क पर लेट गए।

भारद्वाज ने पुलिस पर आप कार्यालय पर बैरिकेडिंग करने और पार्टी नेताओं को वहां जाने से रोकने का आरोप लगाया तथा कहा कि वे इस मामले पर निर्वाचन आयोग से शिकायत करेंगे।

उन्होंने दावा किया कि शुक्रवार को आप कार्यालय को चारों तरफ से बंद कर दिया गया और किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई।

हालांकि, पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘आप कार्यालय को पुलिस ने कभी सील नहीं किया था। पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है क्योंकि (सीआरपीसी) धारा 144 लागू है और डीडीयू मार्ग पर किसी भी प्रकार की सभा निषिद्ध है।’’

अधिकारी ने यह भी कहा कि आतिशी और उनके साथियों को घर जाने से नहीं रोका गया। उन्होंने कहा, “चूंकि नई दिल्ली के पूरे जिले में धारा 144 लागू है, इसलिए उन्हें यह पूछने के लिए रोका गया था कि क्या वे कोई विरोध प्रदर्शन या सभा करने तो नहीं जा रहे हैं।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब निरस्त की जा चुकी आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले के संबंध में गिरफ्तार किए जाने के बाद 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया गया है।