अजय शुक्ल की बेतुकी बातें

व्यंग्य

बेतुकी बातें

अजय शुक्ल

चेला: मास्साब, क्या अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने वाइट हाउस में गदहा पाल रखा है?

गुरु जी: पता नहीं बेटा। लेकिन तुझे क्या? तू अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे। तूने तुग़लक़ वाला चैप्टर याद किया कि नहीं? तू आउट ऑफ द बॉक्स मत सोचा कर।

चेला: नाथिंग आउट ऑफ द बॉक्स, गुरु जी। यह देखो इंटरनेट न्यूज़ है… ट्रंप कह रहे हैं “दे आर किसिंग माय ऐस।” ऐस माने गदहा ही होता है न? A S S ऐस।

गुरु जी: कुछ समझ में नहीं आ रहा बेटा। ऐस माने गदहा ही होता है। और डंकी माने भी गदहा होता है।

चेला: गुरु जी, डंकी रूट भी होता है, जिससे मेरा भाई अमेरिका गया था।

गुरु जी: फिर आउट ऑफ द सिलेबस! चुप!! मुझे गधे पर कंसंट्रेट करने दे।

चेला: छोड़ो गुरु जी। मान लेते हैं कि ट्रंप जी ने गदहा पाल लिया होगा। अब दो सवाल हैं: पहला कि क्यों पाला? पिछली बार तो उन्होंने मक्खी भी नहीं पाली थी, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपतियों में जानवर पालने की परंपरा रही है। और दूसरा..

गुरु जी: रुक रुक! पहले पहले सवाल से तो निपट लूं। गूगल बता रहा है कि वाइट हाउस में पहले भी गदहा बंध चुका है। यह जॉर्ज वॉशिंगटन के कार्यकाल में हुआ था। उन्होंने एक उन्दुलूसी गदहे को पाला था।

चेला: समझ गया, गुरु जी। समझ गया। यह गधा पालन मागा, यानी MAGA मुहिम का हिस्सा है। मेक अमेरिका ग्रेट अगेन।

गुरु जी: कैसे?

चेला: पहले बताइए, जॉर्ज वॉशिंगटन ग्रेट थे कि नहीं?

गुरु जी: यू मीन महान? अरे बच्चे, वे तो महानों में महान थे।

चेला: मतलब जॉर्ज वॉशिंगटन जैसी महानता पाने के लिए ही वाइट हाउस में गदहा पाला गया है। हो सकता है कि ज्यादा महानता पाने के लिए अभी कुछ और गदहे पाल लिए जाएं।

गुरु जी: सही कह गया है अपना शेक्सपियरवा। Some are born great, some achieve greatness, and some have greatness thrust upon them

चेला: समझ गया

गुरु जी: क्या समझा? मैं हिन्दी में समझाता हूं। थोड़ी चूक हो तो क्षमा करना। माय इंग्लिश इज कमज़ोर। और मेरी हिन्दी वीक है। सो, मेरे मुताबिक इसका अर्थ है: कुछ लोग पैदाइशी महान होते हैं, कुछ अपने कर्मों से महानता हासिल कर लेते हैं और कुछ लोग अपने ऊपर महानता थोप लेते हैं।

चेला: गुरु जी, जो लोग ट्रंप के गदहे को चूम रहे हैं, वे कौन हैं? उनके क्या नाम हैं? और वे गदहे को क्यों चूम रहे हैं?

गुरु जी: जैसे स्विस बैंक के खाता धारकों के नाम बैंक और खाताधारक के अलावा कोई नहीं जानता, वैसे ही गदहे को चूमने वालों के नाम गदहे और चुम्बन लेने वाले के सिवाय कोई नहीं जानता। कयास लगाए जा सकते हैं। लेकिन यह काम भी वही कर सकता है जिसकी आत्मा शरीर त्यागने को आतुर हो।

चेला: चलिए, यही बता दीजिए कि इतने बड़े बड़े लोग गर्दभ चुम्बन क्यों कर रहे है?

गुरु जी: महानता हासिल करने के लिए।

चेला: महानता क्या है?

गुरु जी: जिससे लोग डरें।

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