बिहार विधानसभा चुनाव
बिहार में अंदरखाने पक क्या रहा है?
विजय शंकर पांडेय
बिहार चुनाव में इस बार राजनीति नहीं, पूरा मास्टरशेफ इंडिया चल रहा है। महागठबंधन के किचन में हर पार्टी अपनी-अपनी बिरयानी पका रही है, पर कढ़ाई एक ही है!
राजद कहती है — “हमने अजय कुशवाहा पर तड़का लगाया।”
कांग्रेस बोलती है — “सॉरी भाई, वही सीट तो हमारे संजीव कुमार की प्लेट में है।”
उधर वीआईपी नमक डालकर बोली — “अब स्वाद हमारा बनेगा।”
बछवाड़ा में सीपीआई और कांग्रेस ऐसे भिड़े जैसे पड़ोसी बर्तन मांजने पर झगड़ते हों — “झाड़ू हमारी, बाल्टी तुम्हारी!”
और दरभंगा में अफजल अली और संतोष सहनी एक-दूसरे को देख रहे हैं — जैसे दोनों को एक ही शादी में वर बता दिया गया हो।
इधर एनडीए में भी माहौल कुकर की सीटी जैसा है — बज रही है पर खुलेगा कब, कोई नहीं जानता।
नीतीश कुमार और चिराग पासवान सीटों पर ऐसे खींचतान कर रहे हैं जैसे दोनों एक ही कुर्सी पर बैठने की कोशिश कर रहे हों।
कुल मिलाकर बिहार चुनाव अब सस्पेंस थ्रिलर नहीं, कॉमेडी ऑफ एरर्स बन चुका है।
जिस दिन नतीजा आएगा, जनता बोलेगी — “भाई, ये पकवान तो बहुत ही मिलीजुली रसोई का निकला!”
लेखक निजय शंकर पांडेय