भाकपा ने पांच दिवसीय सम्मेलन में देश और दुनिया के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कीः डी राजा
पार्टी महासचिव ने कहा, देश से भाजपा का सफाया कर लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मज़बूत करेगी भाकपा
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की माँग की
चंडीगढ़। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने कहा कि चंडीगढ़ में पार्टी के पांच दिवसीय महासम्मेलन में देश और दुनिया के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई है। साथ ही, आर्थिक और सामाजिक पहलुओं से लोगों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए रणनीति तैयार की गई है।
महासम्मेलन के बाद चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए डी राजा ने कहा कि भाजपा देश में धर्म के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है और देश में कॉरपोरेट्स के पक्ष में फैसले लिए जा रहे हैं। यही कारण है कि देश में बेरोजगारी और महंगाई तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा, देश में आर्थिक खाई बढ़ रही है। इन मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा जाएगा।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने देश के विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों के लिए भी रणनीति तैयार की है। इन चुनावों से भाजपा को खत्म करने के लिए वामपंथी और प्रगतिशील ताकतों को मजबूत किया जाएगा, ताकि भाजपा का सफाया किया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर लोगों के वोट जबरन काट रही है। चुनाव आयोग को भी इस बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के अधिकारों पर डाका डाला है। इसलिए जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी वामपंथी दलों और जनहित में काम करने वालों को देश की जनता की समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होना चाहिए।
पंजाब सचिव बंद बराड़ और वरिष्ठ नेता निर्मल सिंह धालीवाल ने कहा कि आने वाले समय में सीपीआई पंजाब से जुड़े मुद्दों पर भी आवाज उठाएगी। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब के गांवों को उजाड़कर बसाया गया था। इसलिए चंडीगढ़ को पंजाब को सौंप दिया जाना चाहिए। इसके अलावा चंडीगढ़ में पंजाबी भाषा को लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा चुनावों से पहले लोगों से किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं किए गए हैं। जिसमें पुरानी पेंशन योजना की बहाली, ठेका प्रथा को खत्म करना, किसानों की कर्ज माफी और पंजाब के कई अन्य मुद्दों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि सीपीआई भी इन मुद्दों पर अपनी आवाज उठाएगी। इस अवसर पर सीपीआई की राष्ट्रीय सचिव एनी राजा और कई अन्य नेता मौजूद थे।