जम्मू – कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटा: 46 लोगों की मौत, 167 लोग अब तक बचाए गए

जम्मू – कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटा: 46 लोगों की मौत, 167 लोग अब तक बचाए गए

मुख्यमंत्री ने स्थगित किया स्वतंत्रता दिवस का सांस्कृतिक कार्यक्रम, एट होम

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर पहाड़ी गांव चशोती में बृहस्पतिवार को बादल फटने से सीआईएसएफ के दो जवानों समेत कम से कम 46 लोगों की मौत हो गयी, जबकि कई अन्य के अब भी फंसे होने की आशंका है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि चशोती गांव में सूर्यास्त होने तक बचावकर्मियों ने कड़ी मेहनत से मलबे के ढेर से 167 लोगों को बाहर निकाला। इनमें से 38 की हालत गंभीर है। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती गई और आशंका है कि यह और बढ़ सकती है।

अधिकारियों ने बताया कि मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के चशोती गांव में यह आपदा दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच आई। हादसे के समय मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे।

साढ़े नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालु चशोती गांव तक वाहन से पहुंच सकते हैं, उसके बाद उन्हें 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है।

चशोती गांव किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। यहां श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया एक लंगर (सामुदायिक रसोईघर) इस घटना से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ। बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई और दुकानों एवं एक सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गईं।

एक वीडियो में दिख रहा है कि कीचड़ भरे पानी, गाद और मलबे की बाढ़ खड़ी ढलानों से नीचे आ रही है और उसके रास्ते में आने वाली हर चीज तबाह हो गई। घर ताश के पत्तों की तरह ढह गए, सड़कें और बचाव मार्ग अवरुद्ध हो गए, और भूस्खलन ने हरे-भरे परिदृश्य को गहरे भूरे-धूसर रंग में बदल दिया।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली गांव में अचानक आई बाढ़ के नौ दिन बाद ही हिमालय की नाजुक ढलानों पर यह तबाही देखने को मिली है। पांच अगस्त को उत्तराखंड में आई उस आपदा में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन 68 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और कहा कि स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर रखी जा रही है।

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं हैं। स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। बचाव और राहत अभियान जारी है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “जरूरतमंद लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।”

राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘ जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना में कई लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुःखद है। मैं शोकाकुल परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं और राहत तथा बचाव कार्य में सफलता की कामना करती हूं।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की।

अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, सेना और स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया गया है।

सेना की व्हाइट नाइट कोर ने कहा कि जीवन बचाने और बचे लोगों की सहायता के लिए प्रयास जारी हैं।

कोर ने ‘एक्स’ पर कहा,‘‘किश्तवाड़ के चशोती गांव में बादल फटने के बाद, व्हाइट नाइट कोर के सैनिक बचाव और राहत कार्यों के लिए तेज़ी से जुट गए। प्रयास जीवन की रक्षा और बचे लोगों की सहायता पर केंद्रित हैं। लापता लोगों की तलाश जारी है। राहत सामग्री, चिकित्सा दल और बचाव उपकरण घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। हम सेवा करते हैं, हम सुरक्षा करते हैं।’’

जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बादल फटने से हुई जनहानि के बाद शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ‘एट होम’ चाय पार्टी और सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।

अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘किश्तवाड़ में बादल फटने से हुई त्रासदी के मद्देनजर, मैंने कल (शुक्रवार) शाम को ‘एट होम’ चाय पार्टी रद्द करने का निर्णय किया है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान सुबह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं आयोजित करने का फैसला किया है। औपचारिक कार्यक्रम – भाषण, मार्च पास्ट आदि योजना के अनुसार ही होंगे।’’

सेना बचाव कार्य में जुटी, 300 जवानों को तैनात किया

जम्मू में तैनात सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया, ‘‘किश्तवाड़ के चशोती गांव में बादल फटने के बाद व्हाइट नाइट कोर के सैनिक राहत और बचाव कार्यों में के लिए तेजी से मोर्चा संभाला।’’

उन्होंने बताया कि पहली कोशिश लोगों की जान बचाना और जीवित बचे लोगों की सहायता करना एवं लापता लोगों की तलाश करना है।

सेना ने कहा कि राहत सामग्री, चिकित्सा दल और बचाव उपकरण घटनास्थल पर पहुंचा दिए गए हैं।

जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि 60-60 कर्मियों वाली पांच टुकड़ियां यानी कुल 300 सैनिक, तथा व्हाइट नाइट कोर की चिकित्सा टुकड़ियां अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर लोगों को बचाने के लिए काम कर रही हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘लापता लोगों की तलाश जारी है और प्रभावित परिवारों को चिकित्सा सहायता और सहयोग प्रदान किया जा रहा है।’’