लोकसभा चुनाव में करीब 100 सीट पर हुई धांधली: राहुल
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी चुनौती, राहुल को तुरंत बम फोड़ देना चाहिए
नयी दिल्ली। निर्वाचन आयोग पर नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) राहुल गांधी हमलावर हैं। चुनाव आयोग की आलोचना करने की कोई मौका नहीं छोड़ रहे। पिछले समय में शेरो शायरी से विपक्ष की खिल्ली उड़ाने वाला आयोग भी कांग्रेस नेता के आरोपों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहा है, इसलिए संशय लगातार गहराता जा रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने शनिवार को दावा किया पिछले लोकसभा चुनाव में करीब 100 सीट पर धांधली हुई है और अगर इनमें से 15 सीट पर भी धांधली नहीं हुई होती, तो नरेन्द्र मोदी आज देश के प्रधानमंत्री नहीं होते।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस के विधि, मानवाधिकार और आरटीआई विभाग द्वारा आयोजित वार्षिक विधिक सम्मेलन में इस बात को फिर से दोहराया कि कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में हेरफेर के जो सबूत मिले हैं, वो “एटम बम” की तरह हैं। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में इसका सबूत दिया जाएगा कि कैसे लोकसभा चुनाव में धांधली हुई। उनके इस दावे को रक्षा मंत्री ने यह कहकर निष्प्रभावी बनाने की कोशिश की कि राहुल गांधी को वह एटम बम फोड़ देना चाहिए।
निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक में मतदाता सूची से जुड़े राहुल गांधी के दावे को शुक्रवार को निराधार बताया था।
राहुल गांधी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “आज (नरेन्द्र मोदी) प्रधानमंत्री पद पर बहुत ही साधारण बहुमत के साथ हैं। हमारा मानना है कि (लोकसभा चुनाव में) 70, 80 या 100 सीट तक पर धांधली हुई है। यदि 15 सीट पर भी धांधली नहीं हुई होती, तो वह (मोदी) भारत के प्रधानमंत्री नहीं होते।”
उन्होंने कहा, “हम अगले कुछ दिन में यह साबित करने जा रहे हैं कि एक लोकसभा चुनाव में कैसे धांधली हो सकती है और कैसे की गई।”
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “2014 से ही मुझे चुनाव प्रणाली पर संदेह है। (भाजपा की) प्रचंड जीत हासिल करने की क्षमता आश्चर्यजनक है। महाराष्ट्र में जो हुआ, उसने मुझे इस मुद्दे को गंभीरता से लेने पर मजबूर कर दिया।”
राहुल गांधी ने कहा, “मैं बिना सबूत के कुछ नहीं बोल सकता था, लेकिन अब मैं बिना किसी संदेह के कहता हूं कि हमारे पास सबूत हैं।’’
उन्होंने कहा कि इन सबूत के आधार पर देश को दिखा दिया जाएगा कि निर्वाचन आयोग की संस्था उस तरह काम नहीं करती, जैसा उसे करना चाहिए तथा यह समझौते का शिकार हो चुकी है।
कांग्रेस के शीर्ष नेता ने शुक्रवार को दावा किया था कि निर्वाचन आयोग ‘वोट चोरी’ में शामिल है और इस बारे में उनके पास ऐसा पुख्ता सबूत है, जो ‘एटम बम’ की तरह है, जिसके फटने पर आयोग को कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी।
निर्वाचन आयोग ने उनके आरोपों को निराधार और निंदनीय करार दिया तथा कहा कि अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आयोग और उसके कर्मचारियों को धमकाना भी शुरू कर दिया है।
राहुल गांधी ने कार्यक्रम में यह भी कहा, “कल (शुक्रवार) मेरी बहन ने मुझसे कहा कि मैं आग से खेल रहा हूं, और मैंने कहा कि मुझे पता है कि मैं आग से खेल रहा हूं और मैं आग से खेलना जारी रखूंगा।”
उन्होंने कहा, “आखिरकार, आपमें से अधिकतर लोगों की तरह, मैं भी आग में विलीन हो जाऊंगा । मेरे परिवार ने मुझे सिखाया कि कायरों से नहीं डरना चाहिए। सबसे कायरतापूर्ण काम जो आप कर सकते हैं, वह है किसी कायर से डरना।”
उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल की विचारधारा काफी हद तक कायरता पर आधारित है।
राहुल गांधी ने इस कार्यक्रम में यह दावा भी किया कि जब उन्होंने भूमि अधिग्रहण विधेयक में संशोधन के प्रयास का विरोध किया तो तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को उन्हें धमकाने के लिए भेजा गया था।
जेटली के पुत्र रोहन जेटली ने कांग्रेस नेता के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनके पिता धुर लोकतांत्रिक थे और विरोधी विचार वाले किसी व्यक्ति को धमकाने का उनका स्वभाव ही नहीं था।
भाजपा ने भी राहुल गांधी के जेटली से जुड़े दावे को फर्जी खबर करार दिया।
कांग्रेस के विधि विभाग के कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाराष्ट्र में मतदाता सूचियों में कथित हेरफेर के विषय को लेकर निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह संवैधानिक संस्था प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों की कठपुतली है।
उन्होंने यह दावा भी किया कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश का संविधान बदलना चाहते हैं, लेकिन जनता ऐसा नहीं होने देगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबर ने निर्वाचन आयोग पर संविधान के अनुच्छेद 320 के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘अनुच्छेद 320 भारत के चुनावों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसकी शक्तियों का इस्तेमाल इसे नष्ट करने के लिए किया जा रहा है।’’
चिदंबरम ने कहा, ‘‘यदि बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान पूरे भारत में लागू हो जाए, तो करोड़ों लोग मताधिकार से वंचित रह जाएँगे। एक शोरगुल, मज़बूत और जीवंत लोकतंत्र होने के बजाय, भारत एक मौन चुनावी लोकतंत्र बनकर रह जाएगा।’’
कांग्रेस के विधि विभाग के प्रमुख अभिषेक सिंघवी ने भाजपा पर लोकतंत्र को प्रभुत्व और उसकी बहुलता को ध्रुवीकरण में बदलने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि भारत को एक आवाज, एक दल और एक विचारधारा वाला राष्ट्र नहीं बनने दिया जा सकता।
राजनाथ ने राहुल को निर्वाचन आयोग के खिलाफ ‘सबूतों का एटम बम‘ फोड़ने की चुनौती दी
उधर, पटना में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निर्वाचन आयोग पर बिहार में ‘‘वोट चोरी’’ का आरोप लगाने के लिए कांग्रेस नेता की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि निर्वाचन आयोग बिहार में ‘वोट चोरी’ में शामिल है और इस बारे में उनके पास ऐसा पुख्ता सबूत है, जो ‘एटम बम’ की तरह है, जिसके फटने पर आयोग को कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी। सिंह ने आगामी विधानसभा चुनावों की तुलना एक चौराहे से की, जिसमें “एक रास्ता (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के तहत) आगे की प्रगति की ओर ले जाता है और दूसरा (‘इंडिया’ गठबंधन के तहत) बिहार को अराजकता और जाति संघर्ष के पुराने दौर में वापस ले जाता है।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा, “राहुल गांधी कहते हैं कि उनके पास एटम बम है। अगर ऐसा है, तो उन्हें तुरंत उसे फोड़ देना चाहिए। उन्हें बस यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह खुद खतरे से दूर रहें।”
सिंह ने कहा कि देश को राहुल गांधी के पिछले बयानों की याद है। रक्षा मंत्री ने कहा, “उन्होंने (राहुल) संसद में भूकंप आने की धमकी दी थी, लेकिन जब उन्होंने अपनी बात रखी, तो वह एक बेकार बात साबित हुई।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का निर्वाचन आयोग एक ऐसी संस्था है, जो निर्विवाद ईमानदारी के लिए प्रतिष्ठित है।
सिंह ने कहा, “राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। विपक्ष के नेता को किसी संवैधानिक संस्था के बारे में निम्न स्तर की बयानबाजी करना शोभा नहीं देता।”
सिंह ने कांग्रेस नेता को याद दिलाया कि “उनकी अपनी पार्टी के हाथ खून से रंगे हैं, जिन्होंने 1975 में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की थी।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बिहार में 20 साल के शासन के दौरान राज्य को पटरी पर लाने में मदद करने के लिए गठबंधन सहयोगी नीतीश कुमार की भी प्रशंसा की।
सिंह ने कहा, “नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार अब बदहाल नहीं रहा। ‘द इकोनॉमिस्ट’ जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित पत्रिका, जिसने कभी इस राज्य को भारत का पिछलग्गू बताया था, अब इसके बदलाव का जिक्र कर रही है।”
सिंह ने यह भी दावा किया कि 11 साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से राज्य की प्रगति को और बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा, “राजग सरकार ने अब तक बिहार को नौ लाख करोड़ रुपये की सहायता दी है, जबकि पिछली कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने एक दशक में केवल दो लाख करोड़ रुपये दिए थे।”