हालात
ओमप्रकाश तिवारी
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शेर दहाड़ा नहीं
जोर से हंसा था
सियार ने दिया था
जंगल छोड़ जाने का
आदेश
शेर चला भी गया
वह त्रस्त हो गया था
रोज की हुआँ हुआँ से
अब सियार खुश थे
दिन रात करते हुआं हुआँ
कुछ दिनों बाद
पक्षियों ने भी
छोड़ दिया जंगल
दूसरे जानवर भी चले गए
शेर के पीछे-पीछे
एक-एक कर सूखने लगे
जंगल के पेड़
और एक दिन
जंगल में लग गई आग
सियार निकल कर भागे
पहुंच गए मानव बस्ती में
बना लिए गए बंधक
वन में आग लगाने के जुर्म में
बिना मुकदमा चलाये
दे दी गई सभी को
मौत की सजा…