साम्यवादी क्रांतिकारी चैयरमेन माओ त्से तुंग का जीवन 

जन्मदिन पर विशेष

साम्यवादी क्रांतिकारी चैयरमेन माओ त्से तुंग का जीवन

मुनेश त्यागी

 

आज चीन के महान क्रांतिकारी साम्यवादी नेता माओत्से तुंग का जन्मदिन है। माओत्से तुंग गरीब किसान के बेटे थे। वे चीनी किसानों के सबसे बड़े नेता थे। वे चीनी शोषक सत्ता के सबसे बड़े विरोधी थे। उन्हें कई बार सत्ता द्वारा मृत घोषित किया गया था। माओ चीन की अधिकांश क्रांतिकारी समितियों के सदस्य थे, इसलिए उन्हें “चैयरमेन” यानी अध्यक्ष के नाम से पुकारा जाता था। माओ बहुत पढ़ाकू थे। वे साधारण मकान में रहते थे, सैनिकों की तरह खाते पीते और पहनते थे।

उन्होंने इतिहास, अर्थशास्त्र, विज्ञान, दर्शनशास्त्र का विशेष अध्ययन किया और वे पोस्ट ग्रेजुएट बन गए। वे बहुत अच्छे लेखक और वक्ता थे। धीरे-धीरे देशभक्ति का नशा उन्हें चढ़ता गया और पूरा जीवन उन्होंने देश के लिए कुर्बान कर दिया। साम्यवादी पुस्तकों ने उन्हें साम्यवादी बना दिया और उन्हें चीन के क्रांतिकारी परिवर्तन में लगा दिया। उन्होंने चीन के किसानों को क्रांतिकारी बनाया, उनमें अनुशासन बढ़ाया और अनुशासनहीन लोगों को लाल सेना से बाहर किया।

माओ “गोरिल्ला युद्ध” के जनक थे। उनके चार सिद्धांत थे ,,,,,1. जब दुश्मन आगे बढे, तो पीछे हटो, 2. जब दुश्मन ठहरे तो उसे तंग करो, 3. जब दुश्मन युद्ध से बचे, तो उस पर चढ़ाई करो और 4. जब दुश्मन पीछे हटे, तो उसे पर हमला करो। चीन की सरकार ने माओ पर सबसे ज्यादा हमले किए थे। उनका घर जप्त किया, पूरे परिवार को गिरफ्तार किया, पत्नी और बहन को फांसी दी, मगर उन्होंने कभी हार नहीं मानी और उन्होंने चीनी क्रांति को अपने जीवन का अंतिम लक्ष्य बना लिया।

माओ पूरे चीन को अपना परिवार मानते थे। माओ ने चीन में क्रांतिकारी “लोंग मार्च” यानी महाअभियान शुरू किया जिसमें किसानों, मजदूरों, बच्चों, साम्यवादियों और गैर साम्यवादियों को भी शामिल किया गया। उन्होंने क्रांतिकारी नीतियां लागू कीं और लोगों को बताया कि जमीन का बंटवारा होगा, सूदखोरी का खात्मा करेंगे, टैक्स खत्म करेंगे। उन्होंने चीनी क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए गांव किसानों के “गांव रक्षा मंडल” बनाएं, “किसान सेवा दल” बनाएं। माओ शनिवार को फौज में शामिल होकर हर हफ्ते खेती करते थे। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों का खात्मा किया, गरीब किसानों को तुरंत मदद दी, “लाल सेना” यानी “गरीबों की सेना” बनाई, मजदूरों को एकजुट करके उद्योग धंधे कायम किये, मजदूरों के लिए मकान बनाये, सबको मुफ्त शिक्षा दी, मजदूरिनों को प्रसवकाल में 4 महीने की सवेतन छुट्टियां दीं, बच्चों के लिए “शिशु भवन” बनवाये, मर्दों स्त्रियों को समान वेतन दिया और अपने कार्यकर्ताओं के नशे, शराब और सिगरेट पर पूरी रोक लगाई।

उन्होंने लाल सेना के लिए “लेनिन क्लब” बनवाये, जिसमें मार्क्स और लेनिन की किताबें शामिल की गईं। “लाल बाल सेवा” और “लाल रंग मंच” के द्वारा लोगों को क्रांति की शिक्षा दी गई, लोगों के मनों से डर दूर किया गया, लोगों को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक समस्याओं की जानकारियां दी गईं, उन्हें क्रांति, समाजवाद और साम्यवाद की शिक्षा दी गई। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और पूरी जनता को विदेशी डाकुओं और हत्यारों का पतन और विनाश करने ने की शिक्षा दी।

माओ ने मुसलमानों में काम करने के लिए लाल सेना के मुसलमान पार्टी सदस्यों को उनके अंदर भेजा । उनके बीच पर्चे और पोस्टर बांटे, राजनीतिक और आर्थिक चेतना पैदा की। “हम चीनी मुसलमान भाई-भाई” का नारा दिया मुसलमानों को सिखाया कि हम आपस में क्यों लड़े? जमींदार, पूंजीपति और महाजन हमारे शत्रु हैं। इस प्रकार चीनी मुसलमानों के अंदर समाजवादी साम्यवादी शिक्षा का प्रचार प्रसार किया और मुसलमान को क्रांतिकारी समाजवादी और साम्यवादी अभियान में शामिल किया।

चैयरमेन माओ के द्वारा क्रांति के दौरान चीन के दुश्मनों के खिलाफ एक “संयुक्त मोर्चा” कायम किया जिसमें अफसर, सैनिक, दूसरी पार्टियों के नेता, किसान, मजदूर, विद्यार्थी और नौजवान शामिल थे। दुनिया की शोषित जनता और राजनीति के लिए संयुक्त मोर्चा, माओ की सबसे बड़ी देन है। माओ की एक और खूबसूरती देखिए कि उन्होंने क्रांतिकारी आंदोलन के बीच अपनी “आलोचनाओं” को आमंत्रित किया, उनसे सीखा और अपनी गलतियों और कमियों को सुधारते रहे।

माओ ने दूसरे क्रांतिकारी नेताओं जैसे,,,,हो लंग,

चू तेह, लिन पियाओ और चाउ एन लाई आदि के साथ 1949 में चीनी क्रांति की और चीन में समाजवादी व्यवस्था कायम की। चीनी क्रांति की महान उपलब्धियां निम्न प्रकार हैं जैसे …सबको शिक्षा, सबको काम, सबको स्वास्थ्य सेवाएं, सबको मकान और पूंजीवादी, जमीदारी, शोषण, अन्याय और जुल्मों सितम का खात्मा किया गया, जनता में आपकी भाईचारा कायम किया गया और चीन को दुनिया की दूसरी महाशक्ति बना दिया गया।

पूंजीवादी सोच के लोग उनकी जान पूछ कर आलोचना करते हैं। चैयरमेन माओ के नेतृत्व में चीन में क्रांति और समाजवादी व्यवस्था कायम करके, वहां की पूंजीवादी सामंती व्यवस्था को खत्म कर दिया गया था, इसलिए ये पूंजीवादी और सामंती सोच के लोग, चैयरमेन माओ त्से तुंग और समाजवादी व्यवस्था को पसंद नहीं करते, इसलिए माओ और समाजवादी व्यवस्था की कटु आलोचना करते हैं जो कि अनुचित है। आज दुनिया से शोषण, जुल्म और अन्याय को खत्म करने के लिए सभी क्रांतिकारी, समाजवादी, साम्यवादी नेताओं, कार्यकर्ताओं और लेखकों, कवियों और साहित्यकारों को बहुत कुछ सीखने की जरूरत है और इसमें कामरेड माओ त्से तुंग उनकी बहुत मदद कर सकते हैं, इसीलिए माओ की नीतियों और योजनाओं को वर्तमान समय में याद रखना , उनसे सीखना और उन्हें अपने जीवन में लागू करना बेहद जरूरी है।

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