हरियाणाः जूझते जुझारू लोग-53
जनहित के लिए जमीन पर उतरा एक समर्पित योद्धा- डॉक्टर बलजीत सिंह भ्याण
सत्यपाल सिवाच
आज एक शख्स से मिलवा रहा हूँ जो छात्र, कर्मचारी, किसान, विज्ञान, खेती सहित अनेक क्षेत्रों में अपनी बहुमुखी प्रतिभा, परिश्रम और समर्पण के लिए विशेष पहचान रखता है। डॉक्टर बलजीत सिंह भ्याण 67 वर्ष की आयु में युवाओं की तरह सक्रिय हैं। हिसार में होने वाले हर जनवादी आन्दोलन में उनकी उपस्थिति रहती है। इस समय जहर मुक्त खेती के लिए जिस लगन और समर्पण भाव से काम कर रहे हैं वह बेमिसाल है। मैं उन्हें लगभग 1983-84 से जानता हूँ। वे बेहद ईमानदार और पारदर्शी तरीके से काम करने वाले साथी हैं।
डा. बलजीत सिंह भ्याण का जन्म 21 अप्रैल 1958 को साधारण किसान परिवार में गाँव जेवरा जिला हिसार में हुआ ।उनके पिता का नाम मेवा सिंह और माता का नाम दानी देवी था । उनकी प्राइमरी शिक्षा गाँव में और मिडिल क्लास तक सरकारी स्कूल सरसौद बिचपड़ी में हुई। उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई रा. उ.वि. बरवाला से पास की। उसके बाद वर्ष 1975 में उन्होंने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में दाख़िला लिया। यहाँ से उन्होंने B.Sc.(Hons.) Agri. , M.Sc. (Agri.) और Ph.D की डिग्री प्राप्त की।
यूनिवर्सिटी में रहते हुए वे छात्र संगठन S.F.I. के सदस्य बन गए। यहां छात्र आन्दोलनों में सक्रियता से भागीदारी करते रहे। कृषि छात्रों के अन्दोलन के दौरान एक महीने से ज़्यादा समय चण्डीगढ़ की बुड़ैल जेल में रहे। इसके बाद छात्रों और युवाओं की मांगों के आन्दोलन में चण्डीगढ़ में गिरफ़्तारी दी गई थीं। उस समय 14 दिन बुड़ैल जेल में रहे।
वर्ष 1982 मे उनकी कृषि विकास अधिकारी के पद पर जिला सिरसा में नियुक्ति हुई । एक वर्ष बाद उनका तबादला जिला हिसार में हो गया। यहां आने के बाद उन्होंने कर्मचारी आन्दोलन में हिस्सा लेना प्रारंभ किया। वे कृषि विकास अधिकारी संगठन के जिला सचिव चुने गए। उस समय सभी कर्मचारियों का साझा संगठन सब आर्डिनेट सर्विसेज फेडरेशन होती थी । हिसार में इसके नेता हरफूल भट्टी, आनंद देव सांगवान, महेन्द्र सिंह जागलान के साथ रह कर फेडरेशन की गतिविधियों में भाग लेने लगे । इसी दौरान सर्व कर्मचारी संघ का गठन हुआ और फेडरेशन का इसमें विलय कर दिया गया।
सर्व कर्मचारी संघ की जिला हिसार की पहली तालमेल कमेटी का गठन किया गया और वे इसके सदस्य चुने गए । उसके बाद सर्व कर्मचारी संघ का जिले का विधिवत् चुनाव हुआ तो पहली जिला कमेटी में इनको कोषाध्यक्ष की ज़िम्मेदारी दी गई। इन्होंने सर्व कर्मचारी संघ के आंदोलनों में सक्रियता से भाग लिया।
इन आंदोलनों वे दो बार लगभग 15 दिन हिसार जेल में रहे। वे सर्व कर्मचारी संघ के राज्य स्तरीय प्रेस सचिव के पद पर कार्यरत रहे। वे कृषि विकास अधिकारी संगठन के राज्य उपाध्यक्ष चुने गए। वर्ष 1990 में बागवानी विभाग अलग से बन गया तो उन्होंने बागवानी विभाग में ज्वाइन कर लिया। यहां उन्होंने बागवानी विकास अधिकारी संगठन का गठन किया और वे राज्य सचिव चुने गए। वे बहुत लंबे समय तक राज्य सचिव के पद पर रहे। बागवानी विभाग में नौकरी के दौरान उन्होंने किसानों के साथ बहुत अच्छी तरह से व्यवहार किया और उनकी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में लगन से कार्य किया। इस दौरान उनके किसानों से बहुत अच्छे संबंध रहे जो अब तक भी जारी हैं।
वे 30 अप्रैल 2016 में जिला बागवानी अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए। जब वे जिला बागवानी अधिकारी जीन्द में कार्यरत थे तो उसी दौरान उन्होंने डा. सुरेन्द्र दलाल कृषि विकास अधिकारी निडाना द्वारा चलाए जा रहे कीटनाशक रहित खेती अभियान को नज़दीकी से देखा और फिर उस अभियान से जुड़ गए। उनका स्थानांतरण वर्ष 2014 में जिला हिसार में हुआ तो उन्होंने जहरमुक्त खेती अभियान की शुरुआत जिला हिसार में कर दी। वर्ष 2013 में डा. सुरेन्द्र दलाल की असामयिक मृत्यु हो गई। उनके द्वारा शुरू किए गए “जहर मुक्त खेती अभियान” को डॉक्टर बलजीत सिंह भ्याण ने तन्मयता के साथ जारी रखा और “डा. सुरेन्द्र दलाल कीट साक्षरता मिशन” के नाम से संस्था चलाने लगे।
जीन्द के किसानों के साथ मिलकर डा. भ्याण ने इस अभियान को हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिले में चलाया। हरियाणा के साथ साथ-साथ पंजाब में भी यह अभियान चलाया गया। डा भ्याण ने अपने गाँव जेवरा में आठ वर्ष तक “डा.सुरेन्द्र दलाल किसान खेत पाठशाला” का संचालन किया। यह अभियान अब भी चल रहा है। अब इस अभियान को ‘हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति’ के साथ मिलकर चलाया जा रहा है। इस मुहिम को सफल बनाने के लिए किसान सभा के साथ भी तालमेल बनाया जा रहा है।
जहरमुक्त खेती से “जहरमुक्त थाली अभियान” शुरू किया गया है जिसमें जहरमुक्त खेती करने वाले किसानों के अनाज और अन्य उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सकेगा। इसकी शुरुआत हिसार से की गई है। किसानों की कोआपरेटिव सोसायटी बनाकर उनके उत्पाद सीधे उपभोक्ता तक पहुँचाएँ गए हैं। इस माडल को जिला जीन्द और पानीपत में भी लागू करने की योजना है ।
डा. बलजीत सिंह भ्याण की दो बेटी और एक बेटा है। बड़ी बेटी समता अस्ट्रेलिया में रहती है। छोटी बेटी एकता अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पैरा एथलीट है। वह एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप में कई मेडल जीत चुकी है। वह रोज़गार विभाग में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत है । बेटा अंकित सॉइकालोजी में Ph.D कर रहा है और UPSC के छात्रों को कोचिंग दे रहा है।(सौजन्य ओम सिंह अशफ़ाक)

लेखक: सत्यपाल सिवाच
