नवजोत बताएं कि मंत्री और पीसीसी अध्यक्ष बनने के लिए कितने पैसे दिये थे: रंधावा

नवजोत बताएं कि मंत्री और पीसीसी अध्यक्ष बनने के लिए कितने पैसे दिये थे: रंधावा

नयी दिल्ली। कांग्रेस महासचिव सुखजिंदर रंधावा ने नवजोत कौर सिद्धू द्वारा ‘‘ मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए 500 करोड़ रुपये’’ संबंधी टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सोमवार को पूछा कि जब उनके पति नवजोत सिद्धू को मंत्री और फिर कांग्रेस का पंजाब प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, तब उन्होंने कितने पैसे दिये थे।

पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री रंधावा ने कहा कि कांग्रेस को राज्य में किसी अन्य से नहीं, बल्कि पार्टी के अंदर के ही ऐसे लोगों से खतरा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नवजोत कौर सिद्धू ने ऐसा बयान दिया है। नवजोत सिद्धू भाजपा से कांग्रेस में आए थे और उन्हें मंत्री बनाया गया। उन्हें बताना चाहिए कि सिद्धू ने मंत्री बनने के लिए कितनी रकम दी थी। उन्हें नंबर दो मंत्री बनाया गया था… उसके लिए कितने पैसे उन्होंने दिये थे?’’

रंधावा ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘फिर उन्हें पंजाब कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) का अध्यक्ष बना दिया गया। उन्हें बताना चाहिए कि तब कितना भुगतान किया गया था।’’

उन्होंने कहा कि वे सभी सिद्धू के साथ काम करते थे और जब उन्हें मंत्री और फिर पीसीसी अध्यक्ष बनाया गया तो वे उनके साथ रहे।

कांग्रेस नेता ने दावा किया,‘‘पार्टी सर्वोच्च है, पार्टी अध्यक्ष सर्वोच्च है… मुख्यमंत्री उनके अधीन रहता है और बाद में आता है।’’

उन्होंने कहा, ‘मेरी बहन नवजोत कौर को बताना चाहिए कि सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए कितने पैसे दिए। साढ़े तीन साल से पंजाब में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पीटा जा रहा है और सत्ताधारी पार्टी की ओर से कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है… इतने समय तक वे (सिद्धू) चुप क्यों रहे?’’

गुरदासपुर से लोकसभा सदस्य रंधावा ने कहा, ‘‘अब जब चुनावी साल नजदीक आ रहा है, तो आप अचानक ऐसे बयान देने लगते हैं। नवजोत कौर ने प्रियंका गांधी वाद्रा से अपनी नजदीकी का भी दावा किया था और जब प्रियंका मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्वाचन क्षेत्र धुरी गईं, तो नवजोत सिद्धू अनुशासनहीनता में लिप्त हो गए।’’

कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने यह कहकर राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है कि ‘मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए 500 करोड़ रुपये की जरूरत होती है।’’

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