गोवा के नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत, छह घायल
अधिकांश लोगों के दम घुटने से मरने की आशंका
प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, गोवा के सीएम ने जताया दुख
नई दिल्ली। उत्तरी गोवा के अर्पोरा स्थित एक नाइट क्लब में शनिवार (6 दिसंबर) देर रात भीषण आग लगने से कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में करीब छह लोग घायल भी हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस मामले की जांच में जुटे अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती तौर पर ऐसा लगता है कि ज़्यादातर लोगों की मौत दम घुटने से हुई है, क्योंकि वे क्लब के बेसमेंट में ‘फंस’ गए थे.
इस संबंध में पुलिस ने एक बयान में कहा कि आग लगने का कारण फिलहाल पता नहीं चल पाया है. मामले की जांच जारी है और जो भी नतीजे आएंगे उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
अखबार के अनुसार, शुरुआती जांच में सामने आया है कि आग क्लब की पहली मंजिल से शुरू हुई और बाद में पूरे परिसर को अपनी चपेट में ले लिया.
नाइट क्लब का बेसमेंट, जिसमें रसोईघर था, दोनों तरफ दो सीढ़ियों के ज़रिए पहली मंजिल तक जाता है. पहली मंजिल का निकास द्वार आगे और पीछे, दोनों तरफ एक संकरे पुल पर खुलता है, जो बागा नदी के पास कृषि के लिए उपयोग की जाने वाली निचली ज़मीन से घिरा हुआ है.
बेसमेंट में कोई निकास द्वार या वेंटिलेशन की सुविधा नहीं थी
जांचकर्ताओं के अनुसार, बेसमेंट क्षेत्र में कोई निकास द्वार या वेंटिलेशन न होने के कारण क्लब में काम करने वाले और रसोईघर में काम करने वाले कई लोग दम घुटने से मर गए. कई लोग पहली मंजिल पर लगी आग से बचने के लिए बेसमेंट की ओर भागे, उनकी भी यहां मौत हो गई.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर अखबार को बताया कि पुलिस को शुरूआत में ‘सिलेंडर विस्फोट’ के बारे में सूचना मिली थी, लेकिन पीड़ितों को लगी चोटों से यह नहीं लगता कि आग सिलेंडर विस्फोट के कारण लगी थी.
इस घटना के संबंध में पुलिस ने बताया कि अर्पोरा के बर्च बाय रोमियो लेन में आधी रात को लगी आग में चार पर्यटकों और क्लब के 14 कर्मचारियों समेत 25 लोगों की मौत हो गई. सात मृतकों की पहचान अभी नहीं हो पाई है, जबकि छह लोग घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘रात करीब 10 बजे पहली मंजिल पर दर्शकों के लिए एक डीजे का कार्यक्रम होना था. रात करीब 11.45 बजे पहली मंजिल पर, जहां एक बार और एक रेस्टोरेंट है, आग लग गई. अफरा-तफरी के बीच कई मेहमान बाहर निकलने के रास्ते की ओर भागे और सुरक्षित जगह पर पहुंच गए. लेकिन बेसमेंट में काम कर रहे कर्मचारी बुरी तरह फंस गए क्योंकि वहां से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था और वह धुएं से घिरा हुआ था. कुछ मेहमान भी बेसमेंट की ओर भागे और वहां फंस गए.’
पुलिस ने बताया कि पहली मंजिल से दो जले हुए शव बरामद किए गए हैं.
सीएम ने किया दौरा
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने घटनास्थल का दौरा किया और बताया कि मृतकों में ज़्यादातर क्लब के रसोई में काम करने वाले कर्मचारी हैं. इसके अलावा इस हादसे में तीन से चार पर्यटकों की भी मौत हुई हैं.
सीएम सावंत ने बताया कि मृतकों में से तीन की मौत जलने से हुई, जबकि अन्य की मौत दम घुटने से हुई.
सावंत ने कहा, ‘प्रारंभिक जानकारी के अनुसार नाइट क्लब ने अग्नि सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं किया था. हम क्लब प्रबंधन और उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जिन्होंने सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करने के बावजूद इसे संचालित होने दिया. हम घटना की विस्तृत जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’
सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने यह जानकारी दी कि सरकार ने इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं.
इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दुख व्यक्त किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘गोवा के अर्पोरा में हुई त्रासदी बेहद दुखद है. मेरी संवेदना उन लोगों के साथ है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. मैंने गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत जी से स्थिति के बारे में बात की है. राज्य सरकार प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है.’
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हज़ार रुपये देने की घोषणा की है.
अग्नि सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन की जांच
इस मामले में पुलिस अग्नि सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन की भी जांच कर रही है.
गोवा के पुलिस महानिदेशक आलोक कुमार ने कहा, ‘आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है. हम यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या क्लब ने अग्नि सुरक्षा मानदंडों का पालन किया था और क्या उनके पास आवश्यक अग्नि सुरक्षा एनओसी थी.’
मृतकों में से एक के रिश्तेदार, जो क्लब में ही काम करते हैं, ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘मैं उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले का रहने वाला हूं. आग लगने के समय मेरा रिश्तेदार शिफ्ट में था. मुझे नहीं पता कि वह अब कहां है. जब मैं अपनी शिफ्ट पर पहुंचा, तो क्लब पहले ही आग की लपटों में घिरा हुआ था.’
जांचकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या आग किसी पायरो स्पार्कल गन से लगी थी, जिसका इस्तेमाल अक्सर पार्टियों और कार्यक्रमों में किया जाता है, और जो छत पर मौजूद ज्वलनशील पदार्थ के संपर्क में आई, जिससे आग फैल गई.
पड़ोसी रिसॉर्ट के सुरक्षा गार्ड गोविंद जायसवाल ने बताया कि उन्होंने एक ज़ोरदार धमाका सुना और क्लब की छत पर एक बड़ी आग की लपटें देखीं. उन्होंने कहा, ‘मैंने लोगों को घबराहट में चीखते हुए सुना, जो गेट की ओर भाग रहे थे.’
इस हादसे को लेकर कलंगुट विधायक माइकल लोबो ने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी क्लबों का अग्नि सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा.
लोबो ने कहा, ‘पर्यटकों ने हमेशा गोवा को एक बेहद सुरक्षित गंतव्य माना है. आग लगने की घटना बेहद परेशान करने वाली है और भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. इन प्रतिष्ठानों में पर्यटकों और कर्मचारियों की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है. ज़्यादातर लोगों की मौत बेसमेंट की ओर भागते समय दम घुटने से हुई.’
उन्होंने आगे बताया कि कलंगुट पंचायत सोमवार को सभी नाइट क्लबों को नोटिस जारी कर अग्नि सुरक्षा नियमों का अनुपालन जांचेगी. बिना अपेक्षित अनुमति वाले क्लबों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे. (वायर से साभार)
